ये गीत मेरे मनपसंद गानों में से एक है .मुकेश ने इस गीत में इतना दर्द भरा है कि बस पूछिए नहीं . राजकपूर + मुकेश + मन्नाडे + शैलेन्द्र + शंकर जयकिशन की जोड़ी शानदार गानों के लिए जानी जाती है . और आज शैलेन्द्र का जन्मदिन है तो इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता था. वैसे मेरे पास बहुत से गाने थे , तीसरी कसम सबसे ऊपर था , पर ये गाना कुछ ज्यादा ही दिल के करीब था . इसलिए लगा रहा हूँ . आप भी सुनिए !
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