Thursday, July 26, 2012

चिंगारी कोई भडके ....अमरप्रेम !!!!


राजेश खन्ना , राहुल देव बर्मन , आनंद बक्षी , किशोर कुमार . अब आप चारों मिलकर इसे गा सकते है ....हम हमेशा ही आप सभी को याद रखेंगे.


Wednesday, July 25, 2012

Thursday, July 19, 2012

michael jackson - you are not alone


My Dear Souls ;

Sometimes the songs carry different messages to different people. Here is one of my very favorite MJ Songs : You are Not Alone .....!

This song simply carries a hidden message to me : That I am not alone , GOD is with me . and YES you all are with me , for now , forever.

Always yours
Vijay

Tuesday, July 17, 2012

मैं वन की चिड़िया बनकर डोलूं रे





भारतीय सिनेमा संगीत के 100 बरस ....!!!



दोस्तों;
आप सभी को विजय कुमार सप्पत्ति का नमस्कार !

हम भारतीयों के जीवनमे संगीत कुछ इस तरह से समाया हुआ है , जैसे हमारा रिश्ता हमारी साँसों के साथ. और हमारे लिए खुद को भारतीय सिनेमा से जुड़ने से ज्यादा आसान क्या है  भला भारतीय सिनेमा संगीत के बिना अधुरा है . जैसे शरीर में प्राण जरुरी है , वैसे ही भारतीय सिनेमा में संगीत जरुरी है . चाहे वो फिर प्लेबैक संगीत हो या background  म्यूजिक , भारतीय सिनेमा की आत्मा सिर्फ और सिर्फ संगीत ही है .

तो मित्रो और संगीत प्रेमियों और आवाज की दुनिया के दोस्तों , मैं आपका अपना , विजयकुमार सप्पति , आज से भारतीय सिनेमा के बेहतरीन १०० गाने आपके लिए चुन कर ला रहा हूँ.  ये १०० गाने हमारा सलाम है भारतीय सिनेमा के १०० बरस की यात्रा को.

दोस्तों भारत की पहली फिल्म बनी १९१३ में जो कि " राजा हरिश्चंद्र " थी . ये एक मूक फिल्म थी . और भारत की पहली बोलती फिल्म बनी " आलम आरा " जो कि १९३१ में बनी .और श्री फिरोजशाह मिस्त्री और श्री बी इरानी ने इस फिल्म के लिए पहला हिंदी संगीत दिया था. उसके बाद भारतीय संगीत ने पीछे मुड़कर नहीं देखा .. नित नए प्रयोगों के साथ हम आगे बढ़ते  गए. और हमारे समय के महान संगीतकारों ने हमें मधुर और कर्णप्रिय गाने दिए जो की समयपटल पर दर्ज हो गए .

हमारे समय की कुछ महत्वपूर्ण संगीत पूर्व फिल्मे इस तरह से है  :
महल (1949), श्री ४२० (1955), मदर इंडिया (1957), मुग़ल-ए-आज़म (1960), गाइड (1965), पाकीज़ा (1972), बॉबी (1973), ज़ंजीर (1973), यादों की बारात (1973), दीवार (1975), शोले (1975), मिस्टर इंडिया (1987), क़यामत से क़यामत तक (1988), मैंने प्यार किया (1989), जो जीता वही सिकन्दर (1991), हम आपके हैं कौन (1994), दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे (1995), दिल तो पागल है (1997), कुछ कुछ होता है (1998), ताल (1999), कहो ना प्यार है (2000), लगान (2001), दिल चाहता है (2001), कभी खुशी कभी ग़म (2001), देवदास (2002), साथिया (2002), मुन्ना भाई MBBS (2003), कल हो ना हो (2003), धूम (2004), वीर-ज़ारा (2004), स्वदेस (2004), सलाम नमस्ते (2005), रंग दे बसंती (2006), जोधा अकबर (2007), और भी बहुत सारे फिल्म्स है .

लेकिन हम हमारे सीरिस  में सिर्फ संगीत, गीत , गायक, गीतकार, संगीतकार और साउंड की बात करेंगे.
 
दोस्तों ; मैं पिछले 25 साल से SOUNDS पर EXPERIMENTS कर रहा हूँ , अलग अलग SOUNDS , अलग अलग INSTRUMENTS के साथ मैंने गायत्री मन्त्र पर बहुत से EXPERIMENTS किये है और अलोकिक अनुभवों को जिया है . म्यूजिक थेरपी पर कार्य करता हूँ . चिडियों की आवाजो से लेकर , समुद्र की लहरों से लेकर, हवाओं की तेज़ ध्वनी से लेकर, मृदंग की थाप से लेकर , HEAVY इलेक्ट्रिकल GUITAR के STRING SOUNDS , छोटे बच्चो की खिलखिलाहट , ढोलक पर छोटी छोटी थापे ,तबले के तीन ताल से लेकर , AFRICAN DRUMS के HEAVY SOUND से लेकर युवावो की हंसी , इत्यादि ऐसे SOUNDS है , जो आपके MIND को SUPER RELAXATION दे सकते है . BEETHOVEN के 9TH SYMPHONY हो या ILLAIYAA RAJA के SYNTHESIZERS , चाहे जुबिन मेहता का OPERA SOUNDS हो या MOZART का अद्बुत WESTERN CLASSICS . चाहे वो JOHN WILLIAMS की JAMES BOND की धुन हो या A. R . RAHMAN का बॉम्बे THEME SOUNDTRACK , शोले फिल्म का MOUTHORGAN धुन हो या पाकीजा के घुंघुरू. .चाहे वो COME SEPTEMBER की धुन हो , चाहे वो BERLIN MELODY की सीटी .. . चाहे वो शंकर जयकिशन के VIOLIN COMPOSITIONS हो , चाहे वो राजेश रोशन का SOFT SYNTHESIZER EFFECT हो , चाहे वो R.D.BURMAN के FAST TRACK SOUND हो , चाहे वो रजनीगन्धा का TITLE TRACK हो , चाहे सलिल चौधरी का BACKGROUND SCORE हो , चाहे वो फिर O P NAIYAR का SINGLE TEMPO MELODY TRACK हो जिसे आशा भोंसले गा रही हो , चाहे वो अजय पोहनकर या करुणेश का FUSION MUSIC हो , चाहे वो GODFATHER का BACKGROUND SCORE हो , या फिर क़र्ज़ फिल्म का GUITAR TUNE हो , चाहे वो आम्रपाली में लता का गाया हुआ ,तुम्हे याद करते करते...में सितार की FILL –IN SCORE हो , चाहे वो हौले हौले में हारमोनियम का FILL –IN SCORE हो , चाहे हेमंत के SLOW COMPOSITIONS हो .. मैंने हर संगीतकार के संगीत को दिल से जिया है , मुझे गाने याद नहीं रहते , लेकिन मैं ये बता सकता हूँ कि मदनमोहन के बरसाती गाने तुम जो मिल गए हो के इंस्ट्रुमेंट्स कब स्लो होते है कब फास्ट होते है .. इसी तरह से VOCAL SOUNDS OF ALL INDIAN AND INTERNATIONAL SINGERS , चाहे वो भारतीय हो या विदेशी, मैं उन सभी VOCAL SOUNDS को खूब जिया है . मैं संगीत के लिये पागल हूँ, दीवाना हूँ . 25 साल से मैं रेकॉर्ड्स, CASSETTES , CD , DVD इत्यादि को जमा करते करते अनगिनत SOUNDS को जिया है , जाना है और अधाय्त्मिक आनंद लिया है. और आज से मैं आपको इसी अद्बुत संगीतमय दुनिया में ले चलता हूँ. 

धन्यवाद
आपका
विजय


Friday, July 6, 2012

आरिफ लोहार : जुगनी जी : Alif Allah,-Jugni : Arif Lohar & Meesha : Coke Studio :

आरिफ लोहार हमारे समय के सबसे soulful singers में से एक है . जुगनी एक सिन्धी/पंजाबी folk song है , जिसे coke studio के house band ने fusion music के साथ orachestranisation किया है . नतीजा एक बेहद शानदार सूफी composition बन पढ़ा है . गाने में कोरस का तेज और धीमा प्रयोग गाने को बेहद ख़ूबसूरती देता है . गाने में आरिफ और मीशा [ मीरा ] के high voltage vocals , और band के इंस्ट्रुमेंट्स का शानदार और जानदार प्रयोग, specially ढोलक और इन सबसे ऊपर आरिफ जब गाने के मध्य में trans में जाते है तो उनकी खुबसूरत मुस्कराहट दिल में उतर उतर जाती है . आप भी सुनिए और देखिये और अपने दिन को शुभ बनाईये .