Thursday, November 1, 2012

हुस्ना : पियूष मिश्रा ............!!!


.....कुछ नगमे ऐसे बन जाते है .. जो life time achievement होते है .. ये नगमा कुछ ऐसा ही है .....हितेश ने बहुत अच्छी compositions दी है , पियूष के शब्दों को .. पियूष के आवाज़ में छुपा हुआ दर्द सीधे दिल पर वार करता है और बंटवारे के दर्द को बारीकी से उबारता है .. ....!!!


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